हिमाचल में भवन मालिकों और बीपीएल लाभार्थियों को राहत, पढ़ें कैबिनेट के बड़े फैसले
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की अध्यक्षता में सोमवार को आयोजित की गई हिमाचल कैबिनेट की बैठक में कई बड़े फैसले लिए गए। मंत्रिमंडल ने वर्ष 2021-22 से वर्तमान में प्रचलित योजना और गैर योजना के वर्गीकरण को समाप्त करने का निर्णय लेते हुए इसे अब पूंजीगत एवं राजस्व खर्च में वर्गीकृत करने का फैसला लिया है। अनुसूचित जाति उपयोजना, जनजातीय क्षेत्र उपयोजना, पिछड़ा क्षेत्र उपयोजना तथा क्षेत्रीय और विकेंद्रीयकृत योजना कार्यक्रमों को अब अनुसूचित जाति विकास योजना, जनजातीय क्षेत्र विकास योजना, आकांक्षी खंड विकास योजना और क्षेत्रीय एवं विकेद्रीयकृत विकास कार्यक्रम के रूप में पुन: नामित किया जाएगा। केंद्र ने भी यही प्रावधान किया है। सरकार ने केंद्रीय प्रावधान का अनुसरण करने का फैसला लिया है। कैबिनेट के निर्णय के अनुसार अनुसूचित जाति विकास कार्यक्रम, जनजातीय क्षेत्र कार्यक्रम, आकांक्षी खंड विकास कार्यक्रम और क्षेत्रीय एवं विकेंद्रीयकृत विकास कार्यक्रमों के लिए कार्यान्वयन प्रबंध पहले की तरह ही रहेंगे। ये वर्तमान में अनुसूचित जाति उप योजना, जनजातीय क्षेत्र उप योजना, पिछड़ा क्षेत्र उप योजना और अनुसूचित जाति विकास कार्यक्रम के लिए प्रचलित हैं।अनुसूचित जाति विकास योजना, जनजातीय क्षेत्र विकास कार्यक्रम, आकांक्षी खंड विकास कार्यक्रम और क्षेत्रीय एवं विकेंद्रीयकृत विकास कार्यक्रमों के लिए डिमांड संख्या 31, 32 और 15 के तहत बजट का आवंटन किया जाएगा। मंत्रिमंडल ने निर्णय लिया है कि अगले वित्तीय वर्ष के बजट आवंटन जनजातीय क्षेत्र विकास परियोजना के तहत नौ प्रतिशत के अनुपात और वर्तमान वार्षिक योजना के हिस्से के विभिन्न विकासात्मक शीर्षों के तहत अनुसूचित जाति विकास कार्यक्रम के अंतर्गत 25.19 प्रतिशत रहेगा।