खुदकुशी के लिए उकसाने वाले तीन युवकों पर 5 साल बाद दर्ज हुआ केस
सुसाइड नोट के बावजूद 5 साल बाद दर्ज हुआ केस पर, गिरफ्तारी अभी तक नहीं
पुलिस ने सुसाइड नोट हैंडराइटिंग एक्सपर्ट को भेजने में एक साल लगा दिए।
चार साल तक हैंडराइटिंग एक्सपर्ट सुसाइड नोट की जांच करते रहे।
उन्होंने हाल ही में अपनी रिपोर्ट पुलिस को सौंपते हुए बताया कि सुसाइड नोट गोलू ने ही लिखा था। इस आधार पर पुलिस ने पांच साल बाद तीनों आरोपियों के खिलाफ खुदकुशी के लिए उकसाने का केस दर्ज किया है। पर गिरफ्तारी अभी तक नहीं
भोपाल में ट्रेन से कटकर जान देने वाले एक व्यक्ति की कहानी पुलिस की जांच प्रक्रिया पर सवाल खड़े करती है। सुसाइड नोट में ट्रेन से कटकर जान देने वाले युवक ने खुदकुशी के लिए उकसाने वाले तीन आरोपियों के नाम भी लिखे थे, फिर भी उनके खिलाफ केस दर्ज करने में छोला मंदिर पुलिस को पांच साल लग गए।
जान देने वाले युवक को महज पांच हजार रुपए के लिए तीन युवक प्रताड़ित कर रहे थे।
पुलिस ने खुदकुशी के एक साल बाद सुसाइड नोट को हैंड राइटिंग एक्सपर्ट के पास जांच के लिए भेजा। अब चार साल बाद हैंडराइटिंग एक्सपर्ट ने पुलिस को अपनी रिपोर्ट भेजी है, तब जाकर एफआईआर हो सकी है।
जेब से पुलिस को मिला एक सुसाइड नोट
थाना इंचार्ज अनिल मौर्य के मुताबिक मार्च 2015 में शिव नगर फेस-टू निवासी 20 वर्षीय गोलू विश्वकर्मा ने ट्रेन से कटकर खुदकुशी कर ली थी। गोलू का शव पुलिस को भानपुर स्थित रेलवे ट्रैक पर मिला था। उसकी जेब से पुलिस को एक सुसाइड नोट मिला। इसमें गोलू ने महेश मेहरा, राजू मेहरा और सूरज अहिरवार से पांच हजार रुपए उधार लेने की बात लिखी थी।
पूरी रकम चुका देने के बाद भी तीनों और रकम मांगते हैं और नहीं देने पर उसके साथ मारपीट करते हैं।