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    आरोग्य सेतु ऐप को किसने बनाया? केंद्र ने दी जानकारी

    कोरोना वायरस से लड़ने में मददगार आरोग्य सेतु ऐप को किसने बनाया? केंद्र ने दी जानकारी


    कोरोना वायरस संक्रमित लोगों की ट्रेसिंग के लिए बनाए गए आरोग्य सेतु ऐप पर पैदा हुए विवाद के बाद केंद्र सरकार ने सफाई पेश की है। सरकार ने कहा है कि इस ऐप को सरकारी और निजी सहयोग से बनाया गया है। इससे पहले, आरोग्य सेतु ऐप को लेकर विवाद उस समय पैदा हो गया था, केन्द्रीय सूचना आयोग ने आरोग्य सेतु ऐप बनाने पर जानकारी न होने को लेकर सरकार को नोटिस जारी किया था। 

    आरोग्य सेतु ट्विटर हैंडल से दो पन्नों का स्पष्टीकरण ट्वीट किया गया है। केंद्र सरकार ने बताया है कि इस ऐप को 16 करोड़ से अधिक यूजर्स द्वारा डाउनलोड किया जा चुका है और यह भारत में कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई को और मजबूत बना रहा है।

    ट्वीट में कहा गया, ''इसने कोरोना पॉजिटिव यूजर्स को ब्लूटूथ के जरिए से ढूंढने में मदद की है, जिससे लोग सतर्क हो सके। इससे कोविड-19 मरीज के संपर्क में आए कॉन्टैक्ट्स को क्वारंटाइन, टेस्टिंग आदि की सलाह दी गई।'' केंद्र ने सफाई पेश करते हुए आगे कहा है कि जिन लोगों को अलर्ट रहने का मैसेज भेजा गया, उनमें से 25 फीसदी कोरोना पॉजिटिव निकले हैं। यह सात से आठ फीसदी की ओवरऑल पॉजिटिव रेट के मुकाबले कहीं अधिक है। इस हिसाब से टेस्टिंग की दक्षता आरोग्य सेतु की वजह से काफी बढ़ गई है।

    उल्लेखनीय है कि सामाजिक कार्यकर्ता सौरभ दास ने सूचना आयोग से यह शिकायत की थी कि आरोग्य सेतु ऐप किसने बनाया इस बारे में कई मंत्रालय जवाब देने में विफल रहे। उन्होंने ऐप के प्रस्ताव के मूल विवरण, इसके अनुमोदन विवरण, इसमें शामिल कंपनियों, व्यक्तियों और सरकारी विभागों और ऐप्लिकेशन को विकसित करने में शामिल निजी लोगों के बीच संचार की प्रतियां जैसे विवरण मांगे थे।

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