पुराने बैंक लोन पर कोरोना लॉकडाउन के दौरान ब्याज वसूले जाने के ख़िलाफ़ दायर याचिका को सुनवाई के लिए सुप्रीम कोर्ट ने स्वीकार किया।
याचिका में कहा गया है कि लॉकडाउन के दौरान बैंकों ने किश्त अदायगी में छूट तो दी है, जो कि बाद में अदा करनी पड़ेगी, लेकिन किश्तों को बाद में अदा करने की छूट देने के नाम पर बैंक अपने ग्राहकों से किश्त बाद में अदा करने तक की अवधि पर चक्रवर्ती ब्याज वसूल रहे हैं। जिससे ग्राहक पर और आर्थिक बोझ पड़ेगा जो कि इस छूट की आड़ में ग्राहकों से ज़्यादा वसूली है, इसलिए लॉकडाउन के दौरान जब कामकाज बंद पड़ा है तो इस अवधि में लोन पर बैंक अपना ब्याज न वसूले।