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    गुलज़ार देहलवी के इंतेक़ाल से उर्दू के एक अहद का हुआ खा़त्मा आरिफ मसूद ने कियाशोक व्यक्त



    भोपाल। विधायक आरिफ मसूद नें गुलज़ार देहलवी के इंतेक़ाल पर दुख व्यक्त करते हुए कहा कि गुलज़ार देहलवी का शुमार उर्दू के उन शायरों में किया जाता है जिनके ज़िक्र के बगै़र आज़ादी के बाद भी उर्दू तारीख़ को नहीं लिखा जा सकता है पंडित आनंद मोहन गुलज़ार देहलवी को उर्दू की तालीम उनके वालिद के घर से ही मिली थी, शायरी का फन भी उन्होने अपने घर से ही सीखा।


    पंडित जवाहरलाल नेहरू जी के ख़ानदान से उनका गहरा ताल्लुक़ था उन्होेने उर्दू शायरी के चलते हमेशा प्यार, मोहब्बत, भाईचारा और दिलों को जोड़ने का काम किया। कोरोना बीमारी के चलते नोएडा के शारदा अस्पताल में भर्ती किये गए थे यहाॅ कोरोना को शिकस्त देते हुए 04 दिन पहले अस्पताल से डिस्चार्ज होकर घर आए थे, लेकिन आज दिल का दौरा पड़ने के बाद उन्हे दिल्ली के पेलाश हास्पिटल में दाखि़ल किया गया यहाॅ उन्होने अपनी ज़िंदगी की आख़री साॅस ली।



    गुलज़ार देहलवी का भोपाल से गहरा ताल्लुक़ था वह भोपाल में जब भी आए आरिफ मसूद सा. के साथ बैठकर बात किया करते थें हाल ही में आरिफ मसूद सा. द्वारा दिनांक 14/11/2019 को रखे गए बाल दिवस के कार्यक्रम शौर्य स्मारक के प्रांगण में आयोजित किया गया जिसमें बतौर मुख्य अतिथि के रूप में आए एवं प्रस्तुति देने वाले बच्चों को प्रख्यात शायर एवं विचारक गुलज़ार देहलवी के हाथों पुरस्कार वितरण कर सम्मानित किया था। 
    विधायक आरिफ मसूद ने गुलज़ार सा. के इंतेक़ाल की खबर सुनकर अपने गहरे दुख का इज़हार करते हुए कहा कि गुलजार देहलवी सा का इंतेकाल सिर्फ एक व्यक्ति का इंतेक़ाल नहीं है बल्कि उर्दू के एक युग का ख़ातमा है यू तो शायरी का सिलसिला चलता रहेगा लेकिन अब कोई दूसरा गुलज़ार नहीं आने वाला। आपने उर्दू शायरी को एक आला मुक़ाम दिया था।

        

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