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    केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह की मौजूदगी में जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में तैनात जवानों को पूर्वोत्तर की बहनों ने राखी बांधी

    भाईचारा, एकजुटता और संबंधों के एक अनूठे प्रदर्शन के रूप में, पूर्वोत्तर की बहनों ने आज सशस्त्र और अर्धसैनिक बलों के जवानों को राखी बांधी, जिनके बटालियनों या दलों की तैनाती जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में की गई है।

    रक्षाबंधन त्योहार की पूर्व संध्या पर, केंद्रीय पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार)प्रधानमंत्री कार्यालयकार्मिकलोक शिकायत एवं पेंशनपरमाणु ऊर्जा एवं अंतरिक्ष राज्यमंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह की अनूठी पहल पर आयोजित एक कार्यक्रम में, पूर्वोत्तर के आठ राज्यों, अरुणाचल प्रदेशअसममणिपुरमिजोरममेघालयनागालैंडत्रिपुरा और सिक्किम के स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) द्वारा जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में तैनात सेना और अर्धसैनिक बलों के जवानों को राखियांतीन रंग के बैंड और फेस मास्क भेजे गयेजो कि भारत की विभिन्न संस्कृतियोंराज्यों और नागरिकों के बीच अंतर्निहित बंधन को बताता है।
    भाईचाराएकजुटता और संबंधों के एक अनूठे प्रदर्शन के रूप मेंपूर्वोत्तर की बहनों ने आज सशस्त्र और अर्धसैनिक बलों के जवानों को राखी बांधीजिनके बटालियनों या दलों की तैनाती जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में की गई है। रक्षाबंधन त्योहार की पूर्व संध्या पर, केंद्रीय पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार)प्रधानमंत्री कार्यालयकार्मिकलोक शिकायत एवं पेंशनपरमाणु ऊर्जा एवं अंतरिक्ष राज्यमंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह की अनूठी पहल पर आयोजित एक कार्यक्रम में, पूर्वोत्तर के आठ राज्यों, अरुणाचल प्रदेशअसममणिपुरमिजोरममेघालयनागालैंडत्रिपुरा और सिक्किम के स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) द्वारा जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में तैनात सेना और अर्धसैनिक बलों के जवानों को राखियांतीन रंग के बैंड और फेस मास्क भेजे गयेजो कि भारत की विभिन्न संस्कृतियोंराज्यों और नागरिकों के बीच अंतर्निहित बंधन को बताता है।
    उन्होंने कहा कि अगर हम अपने त्योहारों को उस प्रकार से मनाने में सक्षम हैं जिस प्रकार से हम मनाना चाहते हैंतो यह इसलिए संभव है क्योंकि हमारे भाई हमारे लिए इस बात को सुनिश्चित करने के लिए दिन-रात जागते रहते हैं। 
    पूर्वोत्तर की महिलाओं की प्रतिभा और प्रतिबद्धता की सराहना करते हुए, डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि इस क्षेत्र की महिला स्वयं सहायता समूहों द्वारा मार्च-अप्रैल से ही फेस मास्क का निर्माण किया जा रहा है। उन्होंने कहारक्षाबंधन की पूर्व संध्या पर उनके द्वारा लॉकडाउन के बेहद सीमित माहौल में कड़ी मेहनत की गई जिससे कि वे जवानों के लिए फेस मास्क का निर्माण कर सकें।

    इस कार्यक्रम का समन्वय पूर्वोत्तर भारत के स्वयं सहायता समूहों ने कियाजबकि पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्रालय (डोनर)पूर्वोत्तर परिषद (एनईसी) और पूर्वोत्तर क्षेत्र सामुदायिक संसाधन प्रबंधन परियोजना (एनईआरसीओआरएमपीने इसे समर्थन प्रदान किया।

    इस अवसर पर डोनर मंत्रालय के सचिव, इंद्रजीत सिंह, विशेष सचिव, इंदेवर पांडे और विशेष कार्य अधिकारी, प्रशांत कुमार झा भी मौजूद थे।

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